अटल बिहारी वाजपेयी और उनके प्रेरणास्रोत व राजनीतिक यात्रा की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से हुई। 1939 में वे RSS में शामिल हुए। युवावस्था में वे संघ के "प्रचारक" बने और हिंदुत्व आधारित विचारधारा को आगे बढ़ाने का कार्य किया। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ मिलकर जनसंघ के माध्यम से राजनीतिक जीवन को नई दिशा दी। प्रेरणा और सहायक व्यक्ति पंडित दीनदयाल उपाध्याय अटलजी के राजनीतिक गुरु और मार्गदर्शक। दीनदयाल उपाध्याय ने उन्हें "एकात्म मानववाद" का पाठ पढ़ाया, जो उनकी राजनीति का आधार बना। अटलजी ने दीनदयाल जी के नेतृत्व में अनुशासन, संगठन कौशल और नीतिगत दृढ़ता सीखी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) संघ ने अटलजी को अनुशासन, समर्पण और देशसेवा की शिक्षा दी। उनके विचारों को हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति से प्रेरित किया। संस्कृति और साहित्य उनकी कविताएं और लेखन भारतीय दर्शन और सांस्कृतिक मूल्यों से प्रेरित थे।पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी, जो खुद कवि थे,ने उन्हें साहित्यिक अभिरुचि और नैतिकता सिखाई। राजनीतिक सहायक और सहयोगी लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी में उनके साथ काम करते हुए उन्होंने राजनीतिक अनुभव साझा किया। जयप्रकाश नारायण आपातकाल के खिलाफ उनके आंदोलन से अटलजी ने लोकतंत्र और स्वतंत्रता की महत्ता को और गहराई से समझा। विचार और प्रेरणा राष्ट्रीयता अटलजी की राजनीति का केंद्र बिंदु भारत की अखंडता सांस्कृतिक समृद्धि और आत्मनिर्भरता था। लोकतंत्र उन्होंने लोकतंत्र को समाज के हर वर्ग के लिए समान अवसर के रूप में देखा। आपातकाल के दौरान उनकी भूमिका लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में अद्वितीय रही। "अनेकता में एकता" भारतीय संस्कृति की विविधता को हमेशा प्रोत्साहित किया। एकात्म मानववाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा से प्रेरित, उनका विश्वास था कि हर नीति और निर्णय व्यक्ति की गरिमा और समग्र समाज के विकास के लिए हो। अटलजी का जीवन उनके विचारों और उनके प्रेरणास्रोतों का प्रतिबिंब था। उन्होंने अपने कृतित्व और नेतृत्व से यह सिद्ध कर दिया कि सेवा और संघर्ष ही सच्चे नेतृत्व के प्रतीक हैं।अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन के चेयरमैन मैन फाउंडर अभिज्ञान आशीष मिश्रा ने भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई जी के पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें याद कर उनकी गंभीरता सहजता शालिनता वा विचारों और साहित्यक परिचय की याद दिलाता हैँ राजनीति के ज्ञाता सदैव अपनी बात के अटल थे और अटल रहेंगे ऐसे परम प्रेमी व्यक्तित्व कों शत शत नमन और प्रणाम।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman