क्रिसमस ईसाई धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल 25 दिसंबर को यीशु मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस त्योहार की शुरुआत और इसकी रोचक कहानी से जुड़ी जानकारी निम्नलिखित है। क्रिसमस क्यों मनाया जाता है ? क्रिसमस यीशु मसीह (जिन्हें ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट भी कहा जाता है) के जन्म का उत्सव है। यीशु मसीह को ईसाई धर्म में भगवान का पुत्र और मानवता के उद्धारकर्ता के रूप में माना जाता है। उनका जन्म यहूदी धर्मग्रंथों में भविष्यवाणी के अनुसार हुआ था, जो ईसाई धर्म के अनुसार, पापों से मुक्ति और प्रेम, शांति, और सहिष्णुता का संदेश लेकर आए थे। क्रिसमस क्यों कहा जाता है ? क्रिसमस शब्द "क्राइस्ट" (Christ) और "मास" (Mass) से बना है। "मास" का अर्थ है पूजा या प्रार्थना। यह दिन ईसाई समुदाय द्वारा यीशु मसीह के सम्मान में विशेष प्रार्थना और अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है। क्रिसमस की शुरुआत कहां से हुई ? क्रिसमस मनाने की परंपरा की शुरुआत चौथी सदी में हुई, जब रोम के सम्राट कॉन्सटैंटाइन ने इसे आधिकारिक ईसाई त्योहार घोषित किया। इससे पहले, रोमन साम्राज्य में "सैटर्नालिया" नामक एक पेगन त्योहार मनाया जाता था, जो शीतकालीन संक्रांति से जुड़ा था। यीशु मसीह का जन्मदिवस भी इसी समय के आसपास तय किया गया। किन जातियों और धर्मों में यह महत्वपूर्ण है ? ईसाई धर्म मे यह त्योहार मुख्य रूप से ईसाई समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। अन्य समुदाय हालांकि, अब यह विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग भी सांस्कृतिक त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह खासकर पश्चिमी देशों और वैश्वीकरण के चलते हर जगह लोकप्रिय हो गया है।क्रिसमस कितने देशों में मनाया जाता है ? क्रिसमस दुनिया के लगभग 160 से अधिक देशों में मनाया जाता है। इसमें मुख्य रूप से ईसाई बहुल देश जैसे यूरोप, इटली, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, स्पेन अमेरिका,संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्राजील एशिया,फिलीपींस, भारत, लेबनान अफ्रीका, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका ओशिनिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड,रोचक कथा तीन विद्वान यीशु मसीह के जन्म पर तीन विद्वानों (मैगी) ने उन्हें उपहार (सोना, लोबान, और गंधरस) भेंट किया। इसे "गिफ्ट-गिविंग" की परंपरा की शुरुआत माना जाता है। सांता क्लॉज़-सांता क्लॉज़ की कथा सेंट निकोलस से जुड़ी है, जो एक दयालु संत थे और गरीब बच्चों को उपहार देते थे। क्रिसमस ट्री सदाबहार पेड़ (एवरग्रीन) को जीवन और आशा का प्रतीक मानकर सजाने की परंपरा जर्मनी से शुरू हुई।आधुनिक महत्व आज क्रिसमस केवल धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि एक वैश्विक उत्सव बन गया है। इसे परिवार के साथ समय बिताने, दान देने, और खुशियां बांटने का समय माना जाता है। अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन अभिज्ञान आशीष मिश्रा चेयरमैन फाउंडर के द्वारा पूरी विश्व की करिश्चयन कम्युनिटी कों क्रिसमस पर बधाई दी वहीं कहा उन्होंने भारत देश अनेकता मे एकता के प्रतीक है प्रत्येक धर्म मे अलग अलग परम्परा अलग अलग भषाये अनेको अनेक धर्म और त्योहार है इस तरह ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस ये पूरे विश्व मे अधिक से अधिक देशों मे मनाया जाता है
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman