दिवाली का त्योहार हजारों साल पहले से मनाया जा रहा है, और इसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। यह त्योहार मुख्य रूप से बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत, और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही इसे धन, समृद्धि, और नए आरंभ का पर्व भी कहा जाता है। दिवाली से जुड़ी कई प्रमुख कथाएँ है रामायण एक प्रमुख कारण भगवान राम, माता सीता, और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने का है। ऐसा माना जाता है कि अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत के लिए दीयों9 से सारा नगर सजा दिया था। इसी उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है और इसे अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में देखा जाता है। महाभारत एक अन्य मान्यता के अनुसार, पांडवों के 12 साल के वनवास और 1 साल के अज्ञातवास के बाद उनके लौटने के उपलक्ष्य में भी दिवाली का त्योहार मनाया गया था। माता लक्ष्मी की पूजा दिवाली को माता लक्ष्मी के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन को धन, समृद्धि और वैभव की देवी लक्ष्मी के आगमन के रूप में देखा जाता है। व्यापारी वर्ग के लोग इसे अपने नए आर्थिक वर्ष की शुरुआत भी मानते हैं। सम्राट विक्रमादित्य का राज्याभिषेक एक अन्य कथा के अनुसार, सम्राट विक्रमादित्य का राज्याभिषेक भी दिवाली के दिन ही हुआ था, इसलिए इसे राजाओं और व्यापारियों द्वारा खुशी के अवसर के रूप में भी देखा जाता है। अंधकार पर प्रकाश की विजय दिवाली का आध्यात्मिक महत्व भी है। इसे अंधकार पर प्रकाश की विजय, अज्ञानता पर ज्ञान की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में देखा जाता है। दिवाली का महत्व सामाजिक महत्व यह त्योहार सामाजिक एकता, भाईचारे, और मित्रता को बढ़ावा देता है। लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिठाइयाँ बाँटते हैं, तोहफे देते हैं, और मेल-मिलाप करते हैं। आध्यात्मिक महत्व इसे आत्मा की शुद्धि और नए सिरे से जीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। लोग इस दिन पुराने दुःखों को छोड़कर नए सपनों और नए उत्साह के साथ जीवन की शुरुआत करते हैं। आर्थिक महत्व व्यापारियों के लिए दिवाली का दिन नया वित्तीय वर्ष होता है। इस दिन लक्ष्मी पूजन करके वे समृद्धि की कामना करते हैं। इस तरह, दिवाली का इतिहास, महत्व, और धार्मिक परंपराएँ मिलकर इसे एक महान और प्रिय त्योहार बनाते हैं, जो आज भी उतनी ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार यह दीप उत्सव बहुत खास हुआ जब की रामयण मे राम की कथा का वर्णन के अनुसार कई हजारों साल बाद अयोध्या मे राम मंदिर निर्माण के बाद राम वहाँ विराजे है इस बार भी लाखो दिपो की शांखला ने अयोध्या को जगमगा दिया अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन के चेयरमैन फाउंडर अभिज्ञान आशीष मिश्रा वा कोफाउंडर द्वारा देश व विदेशो मे रह रहे भारत वासियों कों दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें दी ईस्वर से सबके स्वस्थ समृद्धि के लिये प्रार्थना की।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman