दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि 11 फरवरी को मनाई जाती है। वे भारतीय राजनीति के प्रमुख विचारक और भारतीय जनसंघ के नेता थे। उनके योगदान और विचारधारा को आज भी याद किया जाता है। दीनदयाल उपाध्याय (1916-1968) एक प्रमुख भारतीय विचारक, राजनेता, और भारतीय जनसंघ (अब भाजपा) के नेता थे। वे भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और उनके विचार आज भी प्रभावशाली हैं। दीनदयाल उपाध्याय के प्रमुख विचार 1.पंचायती राज और ग्राम विकास उपाध्याय ने भारतीय गांवों के समग्र विकास पर जोर दिया। उन्होंने विश्वास किया कि भारत की वास्तविक शक्ति और समृद्धि गांवों में निहित है। उन्होंने 'ग्राम स्वराज' की अवधारणा को बढ़ावा दिया। 2.अखंड भारत वे भारत को एक संपूर्ण और अखंड राष्ट्र मानते थे, जिसमें सभी सांस्कृतिक और धार्मिक विविधताओं को स्वीकार कर एकता की दिशा में काम किया जाए। 3.संघ परिवार की विचारधारा उपाध्याय ने भारतीय जनसंघ के विचारधारा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 'एकात्म मानववाद' का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसमें समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास की बात की गई है। 4. विवेकाधीन समाज वे मानते थे कि समाज में बदलाव और विकास विवेकाधीन तरीके से ही संभव है। उनके अनुसार, समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझना और निभाना चाहिए। 5. समाजवाद और मार्क्सवाद का विकल्प उपाध्याय ने समाजवाद और मार्क्सवाद के वैकल्पिक विचार प्रस्तुत किए, जिसमें भारतीय परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को ध्यान में रखा गया। उपाध्याय का योगदान भारतीय राजनीति और विचारधारा में महत्वपूर्ण था, और उनकी सोच ने भारतीय समाज के विकास की दिशा को प्रभावित किया। दीनदयाल उपाध्याय का महत्व भारतीय राजनीति और समाज में उनके अद्वितीय दृष्टिकोण और विचारधारा के कारण है। उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं: 6.एकात्म मानववाद का सिद्धांत दीनदयाल उपाध्याय ने 'एकात्म मानववाद' का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास और सांस्कृतिक अखंडता पर जोर दिया। इस सिद्धांत ने भारतीय राजनीति और समाज के सोचने के तरीके को प्रभावित किया। 7.भारतीय जनसंघ का निर्माण और नेतृत्व उपाध्याय ने भारतीय जनसंघ (जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी) के विचारधारा और संगठन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पार्टी को एक मजबूत राजनीतिक शक्ति बनाने में योगदान दिया और इसके कार्यक्रम और नीतियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया। 8. ग्राम स्वराज का विचार उन्होंने भारतीय गांवों के समग्र विकास पर बल दिया और 'ग्राम स्वराज' की अवधारणा को प्रचारित किया। उनका मानना था कि भारत की शक्ति और समृद्धि उसके गांवों में निहित है और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक ठोस योजना की आवश्यकता है। 9.विचारधारा की निरंतरता उपाध्याय ने भारतीय संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए एक सुसंगठित विचारधारा तैयार की। उनकी सोच ने भारतीय राजनीति में एक वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जो समाजवाद और मार्क्सवाद के खिलाफ था। 10.संस्कृतिक पुनरुत्थान उन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म को एक एकीकृत दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता को समझाया और भारतीय समाज के सांस्कृतिक मूल्यों को प्रोत्साहित किया। दीनदयाल उपाध्याय का महत्व भारतीय राजनीति और समाज में उनके अद्वितीय दृष्टिकोण और विचारधारा के कारण है। उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं: 1. **एकात्म मानववाद का सिद्धांत:** दीनदयाल उपाध्याय ने 'एकात्म मानववाद' का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास और सांस्कृतिक अखंडता पर जोर दिया। इस सिद्धांत ने भारतीय राजनीति और समाज के सोचने के तरीके को प्रभावित किया। 2. **भारतीय जनसंघ का निर्माण और नेतृत्व:** उपाध्याय ने भारतीय जनसंघ (जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी) के विचारधारा और संगठन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पार्टी को एक मजबूत राजनीतिक शक्ति बनाने में योगदान दिया और इसके कार्यक्रम और नीतियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया। 3. **ग्राम स्वराज का विचार:** उन्होंने भारतीय गांवों के समग्र विकास पर बल दिया और 'ग्राम स्वराज' की अवधारणा को प्रचारित किया। उनका मानना था कि भारत की शक्ति और समृद्धि उसके गांवों में निहित है और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक ठोस योजना की आवश्यकता है। 4. **विचारधारा की निरंतरता:** उपाध्याय ने भारतीय संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए एक सुसंगठित विचारधारा तैयार की। उनकी सोच ने भारतीय राजनीति में एक वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जो समाजवाद और मार्क्सवाद के खिलाफ था। 5. **संस्कृतिक पुनरुत्थान:** उन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म को एक एकीकृत दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता को समझाया और भारतीय समाज के सांस्कृतिक मूल्यों को प्रोत्साहित किया। दीनदयाल उपाध्याय का कार्य भारतीय समाज और राजनीति पर एक दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ गया और उनकी विचारधारा आज भी भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।दीनदयाल उपाध्याय का कार्य भारतीय समाज और राजनीति पर एक दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ गया और उनकी विचारधारा आज भी भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman