मनमोहन सिंह भारत के एक प्रमुख राजनेता, अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे। उनके कार्यकाल और जीवन के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं। मनमोहन सिंह का परिचय जन्म 26 सितंबर 1932, गाह (अब पाकिस्तान में)शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से स्नातक। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में उच्च शिक्षा। पेशेवर जीवन उन्होंने विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र जैसे संस्थानों में भी काम किया। 1991 में भारत के आर्थिक सुधारों के दौरान वे वित्त मंत्री बने और उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया। प्रधानमंत्री कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियां आर्थिक सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत बनाया। भारत को वैश्विक मंच पर एक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया। परमाणु समझौता 2008 में अमेरिका के साथ सिविल न्यूक्लियर डील पर हस्ताक्षर किए, जिसने भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया। मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए "महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा)" लागू किया। शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार: शिक्षा के अधिकार (RTE) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) को लागू किया।कूटनीति पड़ोसी देशों और पश्चिमी शक्तियों के साथ भारत के संबंध मजबूत किए। चुनौतियां और आलोचना भ्रष्टाचार के आरोप उनके दूसरे कार्यकाल (2009-2014) में 2जी घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला, और कोयला घोटाला जैसे मामले सामने आए। उनके नेतृत्व को "मूकदर्शक प्रधानमंत्री" के रूप में आलोचना झेलनी पड़ी। नीतिगत ठहराव (Policy Paralysis)दूसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की धीमी गति और प्रशासनिक निर्णयों में कमजोरी का आरोप लगा कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी मतभेद पार्टी के भीतर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में मनमोहन सिंह का स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार सीमित हो गया। राजनीति से मोहभंग मनमोहन सिंह ने व्यक्तिगत रूप से विवादों में फंसे रहने से बचने की कोशिश की। घोटालों और आलोचनाओं के दबाव में वे धीरे-धीरे राजनीतिक मंच से अलग होने लगे। 2014 में कांग्रेस की हार और नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली। उनका स्वभाव अकादमिक और शांतिप्रिय था, इसलिए राजनीतिक संघर्ष में वे कम रुचि रखते थे। निष्कर्ष मनमोहन सिंह एक ऐसे नेता रहे जो अपनी विद्वता और ईमानदारी के लिए पहचाने गए। हालांकि, राजनीतिक परिस्थितियों और पार्टी के दबाव ने उनके योगदान को कुछ हद तक प्रभावित किया। आज भी वे एक सम्मानित अर्थशास्त्री और नेता के रूप में याद किए जाते हैं। अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन के चेयरमैन फाउंडर अभिज्ञान आशीष मिश्रा वा कोफाउंडरो द्वारा डॉ मनमोहन सिंह की आर्थिक वा राजनैतिक कार्यकाल के दौरान किये गये कार्यों की सरहाना हुयी वे देश के एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जो सरल सौम्य स्वभाव के जाने जाते थे। देश जब आर्थिक संकट से गुजर रहा था तब देश की आर्थिक व्यवस्था कों संभालने मे बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी यूं अचानक उनके चले जाने से देश ने एक गुणी निपुण सलाहाकार खो दिया है आज अभिप्राय के सभी फाउंडर और कोफाउंडर द्वारा "भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धा के पुष्प समर्पित किए गए।"
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman