पृथ्वी का इतिहास, भूगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो यह लगभग 4.54 अरब वर्ष पुरानी है। इसका विकास विभिन्न भूगर्भीय और खगोलीय प्रक्रियाओं से हुआ है। पृथ्वी का भूगोलिक इतिहास हादियन कल्प (Hadean Era) पृथ्वी की उत्पत्ति लगभग 4.54 अरब वर्ष पहले गैसों और धूल के एक बादल से हुई। शुरुआत में यह आग का गोला थी।
आर्कियन कल्प (Archean Era) लगभग 4 से 2.5 अरब वर्ष पहले जीवन के प्रारंभिक रूप, जैसे सूक्ष्म जीव (bacteria), उभरे और पृथ्वी पर पहला स्थलीय क्रस्ट बना। प्रोटेरोज़ोइक कल्प (Proterozoic Era)ऑक्सीजन का स्तर बढ़ा, बहुकोशिकीय जीवन का विकास हुआ फैनरोज़ोइक कल्प (Phanerozoic Era)यह काल जीवन के तेज़ी से विकास का है। डायनासोर, मनुष्य आदि इसी युग में आए।भूगोलिक परिस्थिती के अनुसार पृथ्वी सौरमंडल का तीसरा ग्रह है। यह सूर्य से औसतन 14.96 करोड़ किमी दूर है। इसका झुकाव 23.5° है जिससे ऋतुएँ बनती हैं।
वर्तमान स्थिति और चलायमानता पृथ्वी दो प्रकार की गतियाँ करती है। घूर्णन (Rotation)पृथ्वी अपने अक्ष पर लगभग 24 घंटे में एक बार घूमती है तब दिन और रात बनते हैं।परिक्रमण (Revolution)यह सूर्य के चारों ओर 365.25 दिन में एक चक्कर लगाती है -वर्ष बनता है।
पृथ्वी की संरचना आंतरिक भाग क्रस्ट (Crust) पृथ्वी की बाहरी पतली परत-इस पर हम रहते हैं।
मेंटल(Mantle)इसके नीचे लावा और मैग्मा होता है। कोर (Core)केंद्र में तरल और ठोस धातुओं से बना कोर -लोहा और निकल। ऊपरी भाग पर क्या है? स्थल, महासागर, पर्वत, जंगल, रेगिस्तान, नदी, और मानव सभ्यता। पृथ्वी का वजन पृथ्वी का द्रव्यमान लगभग 5.97 × 10^24 किलोग्राम है।क्या पृथ्वी घूमती है? हाँ, पृथ्वी लगातार अपने अक्ष पर घूम रही है और सूर्य के चारों ओर परिक्रमण कर रही है। इसी कारण से दिन-रात और ऋतुओं का चक्र चलता है। भूगोलिक वा वैज्ञानिक दृस्टि से पृथ्वी की संरचना का कुछ अलग ही स्वरूप है वही अगर देखा जाये तो इसी पृथ्वी पर मनुष्य का रहना है जो सभी बदलती संरचनाओं कों मैहसूस कर रहा है जबकि हमारी जरुरत के अनुसार प्रकृति जलवायु का उपयोग पूरी तरह से दोहन तो कर रहें है पर इसको सुरक्षित वा संरक्षण नहीं कर रहें है अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन के चेयरमैन फाउंडर अभिज्ञान आशीष मिश्रा ने पृथ्वी दिवस पर सभी बधाई दी पर्यावरण वा जल संरक्षण कों सुरक्षित पर जोर दिया।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman