रतन टाटा भारत के प्रमुख उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं। वे टाटा संस के चेयरमैन रह चुके हैं और उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था और वे जमशेदजी टाटा के वंशज हैं। रतन टाटा का योगदान न केवल उद्योगिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक उत्थान में भी महत्वपूर्ण रहा है। उद्योगिक योगदान व्यापारिक विस्तार रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई। उन्होंने टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा टेलीसर्विसेज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS)जैसे प्रमुख उद्योगों का विकास किया। 2. अंतर्राष्ट्रीय अधिग्रहण: उनके कार्यकाल के दौरान, टाटा समूह ने कई बड़े अंतर्राष्ट्रीय अधिग्रहण किए, जिनमें कोरस स्टील और जगुआर लैंड रोवर जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। 3. नैनो कार: रतन टाटा ने टाटा नैनो कार को लॉन्च किया, जो दुनिया की सबसे सस्ती कार मानी जाती है। इसका उद्देश्य था कि आम आदमी भी कार खरीद सके। सामाजिक योगदान: 1.चैरिटी और परोपकार : रतन टाटा और टाटा समूह की कंपनियाँ अपनी आय का बड़ा हिस्सा समाज सेवा और चैरिटी के कार्यों में खर्च करती हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए टाटा ट्रस्ट्स द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया जाता है। 2.उद्यमिता को प्रोत्साहन: रतन टाटा ने भारतीय स्टार्टअप्स और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया है। उन्होंने कई युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स में निवेश किया है। 3. शिक्षा और स्वास्थ्य : उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू कीं। टाटा मेडिकल सेंटर और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, जैसे संस्थानों के माध्यम से उन्होंने इन क्षेत्रों में योगदान दिया है। रतन टाटा का जीवन और कार्य नैतिकता, उद्यमशीलता और समाज सेवा के आदर्श उदाहरण हैं। वे आज भी भारत और दुनिया भर में प्रेरणा का स्रोत माने जाते हैं। अभिप्राय के शब्दो मे भारत ने एक रत्न खो दिया : आज जब ये दुःखद खबर आयी तो सुन कर स्तब्ध रह गया कि रतन टाटा हम सभी के बीच नहीं रहें पूरा देश शोक मे डूब सा गया शायद टाटा ग्रुप के जितने ब्रांड हुए वे सभी उनकी पिछली जनरशन यानि पुस्त दर पुस्त आगे बढ़ते रहे पर आज की जनरेशन ने केवल जब टाटा ग्रुप ऑफ़ ब्रांड सुना तो यूं कहिये टाटा यानि रतन टाटा। रतन टाटा एक एक ऐसी सख्सियत थे जो सरल सहेज सौम्य उनकी बातो से कभी नहीं लगा वे इतने बड़े टाटा ग्रुप ऑफ़ एम्पायर के मालिक हैं उनके स्वभाव मे घमंड वा अहंकार जैसी कोई झलक नहीं देखीती थी भारत के लिये बड़े सम्मान का विषय था उनके पास भी रतन टाटा जैसे उद्योगपति थे जिन्होंने देश की आर्थिक वा सामाजिक दृस्टि से समृद्ध बनाया मैं अभिज्ञान आशीष मिश्रा अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन चेयरमैन फाउंडर और मेरे ग्रुप के कोफाउंडर की तरफ से श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman