image
Abhipray Media Foundation
January 14, 2024, 2:11 pm

मकर संक्रांति 2024
Indian Culture & Heritage

मकर संक्रांति एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को चिन्हित करता है। इसे खेतों में नए फसलों की कटाई और सूर्य के उत्तरायण होने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन लोग खासतौर पर तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां खाते हैं और समाजिक मेलजोल के लिए मेला लगाते हैं। यह त्योहार खासतौर पर भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों और तरीके से मनाया जाता है, जैसे कि पंजाब में लोहरी, तमिलनाडु में पोंगल, और गुजरात में उत्तरायण।
मकर संक्रांति का महत्व कई पहलुओं में देखा जा सकता है:
1.सूर्य का उत्तरायण होना यह दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है, जो एक नए खगोल वर्ष की शुरुआत को दर्शाता है। उत्तरायण की अवधि में सूर्य की रोशनी और ऊष्मा बढ़ती है, जिससे मौसम में सुधार होता है और गर्मी बढ़ती है।
2.खेती और फसल मकर संक्रांति के समय फसल की कटाई का aमौसम होता है, और यह कृषि समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह किसानों की मेहनत की सफलता और खुशहाली का प्रतीक है।
3.आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व यह दिन धार्मिक अनुष्ठान और पूजा का भी विशेष महत्व रखता है। कई लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य कमाते हैं और दान-पुण्य करते हैं।
4.सामाजिक एकता और उत्सव मकर संक्रांति एक सामाजिक उत्सव है जो परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशी मनाने का अवसर प्रदान करता है। विभिन्न क्षेत्रों में इस दिन के उत्सव विभिन्न प्रकार से मनाए जाते हैं, जैसे कि पतंग उड़ाना, खास मिठाइयाँ बनाना, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन। इन सब कारणों से, मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण और उत्साहपूर्ण त्योहार है जो सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक महत्व रखता है।
ऐसे ही साऊथ का तमिलनाडु में पोंगल एक प्रमुख त्योहार है जो हर साल जनवरी में मकर संक्रांति के समय मनाया जाता है। यह त्योहार चार दिनों तक चलता है और मुख्यतः फसल कटाई के समय की खुशी को मनाने के लिए होता है। पोंगल का मतलब "उबालना" होता है, और इसे "पोंगल" के रूप में भी जाना जाता है, जो एक पारंपरिक दक्षिण भारतीय मिठाई है जो चावल, गुड़ और दूध से बनाई जाती है। पोंगल की मुख्य तिथियाँ निम्नलिखित हैं:
1.भोगी पोंगल पहले दिन, भोगी पोंगल, पुराने सामान को जलाकर नए सामान की शुरुआत की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों की सफाई और सजावट करते हैं और खुशहाली की कामना करते हैं।
2.सुर्य पोंगल दूसरे दिन को सुर्य पोंगल कहा जाता है। इस दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है और विशेष रूप से "पोंगल" पकवान बनाया जाता है, जो एक बड़े बर्तन में दूध, चावल, गुड़ और कुछ अन्य सामग्रियों के साथ उबालकर तैयार किया जाता है। यह पकवान सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है और परिवार के सभी सदस्य इसे एक साथ खाते हैं।
3.मट्टू पोंगल तीसरे दिन, मट्टू पोंगल को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से गायों और बैलियों की पूजा की जाती है। इन जानवरों को सजाया जाता है और उनके साथ विशेष भोज का आयोजन होता है, क्योंकि वे कृषि कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
4.कन्नुम पोंगल चौथे और अंतिम दिन को कन्नुम पोंगल कहा जाता है। इस दिन लोग परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशी मनाते हैं और विभिन्न खेल-कूद और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। पोंगल त्योहार तमिलनाडु में खुशी, समृद्धि और कृषि की सफलता का प्रतीक है और यह पारंपरिक रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक महत्व के साथ मनाया जाता है। अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन सदैव
ही आस्था के प्रतीक त्योहार मकर सक्रांति,पोंगल, और लोहड़ी पर देश मे सभी कों बहुत बहुत सुभकामनाये देता हैं प्राचीन संस्कृति वा सभ्यता और दान पुण्य का महत्व कों माना जाता रहा हैं।
भारत देश मे ऐसी परम्परा कों बहुत अधिक माना जाने वाला और माना जाता रहेगा।

Abhigyan Ashish Mishra

Abhigyan Ashish Mishra

Founder & Chairman