2024 का साल भारत में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन और उससे जुड़े घटनाक्रमों के कारण ऐतिहासिक रहा। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा का विधि-विधान के साथ शुभारंभ हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश-विदेश से कई संत, साधु, और प्रमुख हस्तियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। प्रमुख घटनाक्रम और राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का समारोह भव्य और ऐतिहासिक रहा।इसमें करोड़ों भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का था, बल्कि इसे भारत के सांस्कृतिक गौरव और एकता का प्रतीक भी माना गया।राजनीतिक विवाद इस आयोजन कोलेकर कई राजनीतिकबयानबाजी हुई। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि इसका उपयोग चुनावी प्रचार के लिए किया जा रहा है। कुछ समूहों ने इसे धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया, जबकि समर्थकों ने इसे सांस्कृतिक पुनर्जागरण के रूप में देखा। संपत्ति विवाद कुछ स्थानीय संगठनों और समुदायों ने मंदिर निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीनों को लेकर आपत्ति जताई। यह मुद्दा 2024 के पूरे साल चर्चा में रहा।धार्मिक एकता का संदेश सरकार और राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने इस आयोजन को सभी धर्मों के लोगों के लिए समर्पित बताया। हालांकि, यह मुद्दा कई बार ध्रुवीकरण का कारण बना। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर विदेशों में बसे भारतीय समुदाय ने उत्सव मनाया, लेकिन कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इसे भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सवाल उठाने के लिए इस्तेमाल किया। 2025 में राम मंदिर वर्षगांठ 2024 के घटनाक्रमों के बाद, 2025 में प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने पर राम मंदिर वर्षगांठ मनाई गई। इस अवसर पर विशेष धार्मिक आयोजन, भजन-संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह पूरा दौर भारत के इतिहास में सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहेगा। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 2025 में 11 जनवरी को पड़ी। इसी कारण, इस तिथि को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर अयोध्या में 11 से 13 जनवरी 2025 तक भव्य समारोह आयोजित किए गए। इन तीन दिनों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन हुआ। यह तिथि हिंदू धार्मिक परंपरा के अनुसार "कुर्मा द्वादशी" के नाम से जानी जाती है और इसका विशेष आध्यात्मिक महत्व है। अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन चेयरमैन फाउंडर अभिज्ञान आशीष मिश्रा ने बताया श्री राम कों अपनी अयोध्या मे विराजे पूरा एक वर्ष हों गया जिसकी खुशी पूरे देश ने हर्ष उल्लास से मनाया जिसके लिये उन्होंने देश वासियो कों बहुत बहुत शुभकामनायें दी आस्था का सैलाब राम मंदिर के निर्माण होने के एक वर्ष बाद भी वहाँ श्रद्धालुओ का ताँता लगा रहता हैँ तोहारो मे अयोध्या उसी तरह देखती हैँ जैसे वर्षों पूर्व राम का आगमन हुआ होगा।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman