राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में हर साल 12 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन को स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में भी जाना जाता है, जो 1863 में जन्मे थे। स्वामी विवेकानंद के आदर्श इस दिन का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और उनके विचारों को युवाओं के बीच प्रसारित करना है। विवेकानंद ने युवाओं को आत्म-निर्भरता, राष्ट्र सेवा और सामाजिक सुधार की प्रेरणा दी। युवा सशक्तिकरण यह दिन युवाओं के विकास, सशक्तिकरण और उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य युवाओं को प्रेरित करना और उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करना है। स्वामी विवेकानंद एक प्रमुख भारतीय विचारक और समाज सुधारक थे, जो 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में सक्रिय रहे। उनका जन्म 1863 में हुआ था। वे विशेष रूप से शिकागो विश्व धर्म महासभा (1893) में अपने उद्घाटन भाषण के लिए प्रसिद्ध हैं, जहां उन्होंने भारतीय धर्म और संस्कृति की अनूठी विशेषताओं को उजागर किया और पश्चिमी दुनिया में भारतीय विचारधारा को प्रस्तुत किया। स्वामी विवेकानंद ने वेदांत और योग की शिक्षा दी और उन्होंने भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया। उनका जीवन और कार्य भारतीय समाज में जागरूकता और सुधार लाने में महत्वपूर्ण था। उन्होंने 'आत्मज्ञान' और 'सर्वधर्म समभाव' की बात की और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच समानता और एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। स्वामी विवेकानंद की कई विशेषताएँ थीं जो उन्हें एक अद्वितीय विचारक और प्रेरणादायक नेता बनाती हैं:
उन्होंने वेदांत और योग की गहरी समझ को सरल और व्यावहारिक तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे ये दर्शन व्यापक जनता के बीच लोकप्रिय हुए।
2.1893 में शिकागो में विश्व धर्म महासभा में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान उन्होंने 'आपका भारत' की जगह 'आपका अमेरिका' शब्द का प्रयोग करते हुए भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया।
3.उन्होंने भारतीय समाज की सामाजिक और धार्मिक समस्याओं की पहचान की और समाज सुधार के लिए कार्य किया। उनका ध्यान विशेष रूप से गरीबों और पिछड़े वर्गों के उत्थान पर था।
4.वे आत्म-ज्ञान और आत्म-संवर्धन की महत्वता पर जोर देते थे, और उन्होंने लोगों को उनके आंतरिक शक्ति की पहचान करने और उसका उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
5.उन्होंने सभी धर्मों की समानता और आपसी सम्मान का समर्थन किया, और सभी धर्मों के बीच एकता की आवश्यकता पर जोर दिया।
स्वामी विवेकानंद का जीवन और विचार आज भी कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित हुआ उनके विचारों मैं युवाओं कों उत्साहित करने के गुण थे उन्होंने समाज मे विचारों कों बदलाओ लाने का प्रयास किया बल्कि अपने देश के अलावा विदेशो मे भी अपने देश की सांस्कृति और धर्म का भी प्रचार प्रसार किया।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman