लाल बहादुर शास्त्री भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेता और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जी सरलता, सादगी और नैतिकता के प्रतीक थे, और उन्होंने स्वतंत्र भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जीवन: शास्त्री जी का जीवन सादगी और कर्तव्यनिष्ठा से भरा था। उनका पूरा नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था, लेकिन उन्होंने जातिवादी उपनाम त्यागकर अपने नाम के साथ "शास्त्री" जोड़ा, जो उन्हें वाराणसी के काशी विद्यापीठ से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने पर मिला। उनका जीवन संघर्षों से भरा था, क्योंकि उनके पिता का निधन उनके बचपन में ही हो गया था। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की और अपने जीवन में सादगी और अनुशासन को महत्व दिया। शास्त्री जी के प्रमुख कार्य: 1. भारत-पाक युद्ध और "जय जवान, जय किसान": 1965 में, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, जिसमें शास्त्री जी ने देश का कुशल नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने "जय जवान, जय किसान" का नारा दिया, जिससे देश में किसानों और सैनिकों का मनोबल बढ़ा। यह नारा भारतीय कृषि और सैनिक सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया। 2. हरित क्रांति का समर्थन: शास्त्री जी ने भारत में खाद्य सुरक्षा की समस्या को समझा और हरित क्रांति को बढ़ावा दिया। इससे देश में कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई और किसानों की स्थिति बेहतर हुई। 3. कुशल प्रशासक: शास्त्री जी एक कुशल प्रशासक थे और उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों में कार्य किया। वे पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार में गृह मंत्री भी रहे, जहां उन्होंने रेलवे मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय में सुधार किए। 4. सादगी और आत्मनिर्भरता: शास्त्री जी का जीवन सादगी और आत्मनिर्भरता का उदाहरण था। वे अत्यंत ईमानदार और अनुशासित थे। प्रधानमंत्री रहते हुए भी वे एक साधारण जीवन जीते थे। उन्होंने सरकारी संसाधनों का व्यक्तिगत उपयोग करने से हमेशा बचा। 5. ताशकंद समझौता: भारत-पाक युद्ध के बाद, शास्त्री जी ने ताशकंद (वर्तमान में उज्बेकिस्तान) में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए था। ताशकंद समझौते के ठीक बाद 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में ही शास्त्री जी का निधन हो गया, जिसकी परिस्थितियाँ रहस्यमयी रहीं। विचार: शास्त्री जी गांधी जी के विचारों से अत्यधिक प्रभावित थे। वे सत्य, अहिंसा, और सादगी के समर्थक थे। उनके विचारों में मुख्य रूप से स्वराज (स्व-शासन) और स्वावलंबन (आत्मनिर्भरता) का महत्व था। वे मानते थे कि देश का विकास तभी संभव है जब किसान और जवान सशक्त हों। लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और सादगी के कारण उन्हें आज भी भारत के महान नेताओं में गिना जाता है।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman