शिवरात्रि, जो "शिव की रात" के रूप में भी जानी जाती है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और उपासना के लिए समर्पित है। यह त्योहार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। शिवरात्रि के महत्व के मुख्य बिंदु 1.धार्मिक महत्व यह रात भगवान शिव की उपासना और ध्यान के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने समस्त सृष्टि की भलाई के लिए तांडव नृत्य किया था। 2. उपवास और पूजा इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, शिवलिंग की पूजा करते हैं और रात भर जागरूक रहते हैं। यह समर्पण और तपस्या का प्रतीक है। 3. आध्यात्मिक लाभ शिवरात्रि के दिन उपासना करने से मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। इसे आत्मा की शुद्धि और दोषों की मुक्ति के अवसर के रूप में देखा जाता है। 4.सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू यह पर्व लोगों को एक साथ लाता है और धार्मिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से सामुदायिक एकता को बढ़ावा देता है। इस प्रकार, शिवरात्रि धार्मिक, आध्यात्मिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और भक्तों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है भगवान शिव की आराधना और आत्मा की शुद्धि के लिए। शिवरात्रि भगवान शिव की आराधना और आस्था का सैलाब यानि भगवान शिव अनंत, त्रिकाल,भूतेश्वर, महाकाल, अन्य नामो आराधना कर प्रसन्न करते भोले शंकर कों भारत देश मे आनेक स्थानों मे बारह ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं जिनके दर्शानो के लिये लोगो की भीड़ लगी रहती हैं। अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन भगवान शिव की महिमा से अभिप्रेरित हो कर भक्त वंदना करता हैं।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman