सरोजनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख नेता और कवियत्री थीं। उनकी जयंती 13 फरवरी को मनाई जाती है। उन्हें "नाइटिंगेल ऑफ इंडिया" के उपनाम से भी जाना जाता है। सरोजनी नायडू (1879-1949) एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और कवि थीं। वे "भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन" की प्रमुख हस्तियों में से एक थीं और उनकी कविता की सराहना भी की जाती है। वे भारतीय राजनीति में भी सक्रिय थीं और 1925 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुसैनाबाद, हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हुसैनाबाद और चेन्नई में प्राप्त की, और बाद में इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे कविता और साहित्य में रुचि रखने वाली थीं और उनकी कविताएं अक्सर भारतीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं। स्वतंत्रता संग्राम में, नायडू ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में कई आंदोलनों में भाग लिया। वे विशेष रूप से महिला अधिकारों और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर काम करने के लिए जानी जाती हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, उन्होंने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल के रूप में कार्य किया, और भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका को सशक्त करने के लिए काम किया। उनकी कविताएं भारतीय साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनकी लेखनी ने भारतीय साहित्यिक परंपरा को समृद्ध किया। सरोजनी नायडू का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और साहित्य दोनों में महत्वपूर्ण है। महिला होते हुए सरोजनी नायडू का अदम्य साहस और योगदान के लिये जाना जाता हैं भारत मे स्वतंत्रा के लिये वा साहित्य मे अदभुत योगदान दिया ये बात तब की हैं जब देश मे महिलाओ कों इतनी आजादी नहीं हुआ करती थी की वे किसी भी ऐसे कार्य के लिये बाहर निकल कर शामिल हो उनके इस साहस देखते हुए फाउंडेशन सदैव ही प्रणाम करता हैं।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman