निराला, जिनका पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन था, भारतीय साहित्य के एक प्रमुख कवि और लेखक थे। उनका जन्म 21 फरवरी 1899 को हुआ था। निराला हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और उन्हें आधुनिक हिंदी कविता का एक स्तंभ माना जाता है।
निराला की कविताओं में भारतीय समाज और संस्कृति की गहरी समझ और संवेदनशीलता देखने को मिलती है। उनकी कविताएं जीवन, प्रेम, और प्रकृति की सुंदरता को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने छायावाद आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जो हिंदी साहित्य में एक नए युग की शुरुआत था।
उनकी प्रमुख काव्य-रचनाओं में "गोकुल नंदन," "तुलसीदास," और "राहुल सांकृत्यायन" शामिल हैं। निराला ने अपने जीवन में कई व्यक्तिगत और सामाजिक संघर्षों का सामना किया, लेकिन उनकी साहित्यिक रचनाओं ने उन्हें अमर बना दिया। उनका साहित्यिक योगदान आज भी पाठकों और आलोचकों द्वारा सराहा जाता है। अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन ऐसे लेखक जिन्होंने हिंदी कविता कों आधुनिकिता जामा पहनाया और हिंदी साहित्यकर कवि निराला का नाम हमेश प्रथम पायदान पर रहता हैं उनकी कविताओं मे परिवार समाज वा प्रेम प्रकृतिक आदि विषयों पर गैहरी छाप छोड़ी हैं। अभिप्राय कवि निराला जी का सदैव ही सम्मान करता हैं।
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman