हिंदी पत्रकारिता दिवस...
पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है. कहते हैं समाज को आइना दिखाने का काम पत्रकार करते हैं. पत्रकारिता (Journalism) में देश और समाज के मुद्दों, घटनाओं और समाचारों को देशभर के लोगों तक पहुंचाया जाता है और उन्हें अवगत कराने की कोशिश की जाती है. इस पत्रकारिता को बढ़ावा देने और सराहने के लिए ही हर साल 30 मई के दिन हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है. साल 1826 में 30 मई के दिन ही हिंदी का पहला अखबार उदन्त मार्तण्ड निकाला गया था जिसके संपादक जुगल किशोर शुक्ला थे।इस पत्रकार के पहली बार छपने के दिन को ही हिंदी पत्रकारिता दिवस का दिन मान लिया गया।इस अखबार का प्रकाशन कलकत्ता के बड़ा बाजार इलाके में हुआ था। यह अखबार साप्ताहिक था और हर मंगलवार के दिन पाठकों तक पहुंचता था। अभिप्राय मिडिया फाउंडेशन सदैव ही मानता हैं निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता ही लोकतंत्र को मजबूत करती है।फाउंडेशन देश के सभी पत्रकारों कों हिंदी पत्रकारिता दिवस पर बधाई देता और सदा ही अपनी कलम की ताकत कों बनाये रख्खे...
-ना तीर निकालो ना तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो।
लोकतंत्र की सफलता या विफलता उसके पत्रकारिता पर आधारित रहता हैं।
स्कॉट पेली...
-मैं पत्रकार बना ताकि, दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।
हेनरी ल्यूस....
-प्रेस आधुनिक जीवन के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, खासकर लोकतंत्र में।प्रेस के पास जबरदस्त शक्तियां और जिम्मेदारियां हैं। प्रेस का सम्मान किया जाना चाहिए और उसका सहयोग भी।
पंडित जवाहरलाल नेहरु....
-प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है.
हेनरी ल्यूस....
- और मेरा मानना है कि, अच्छी पत्रकारिता, अच्छा टेलीविजन हमारी दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकता हैं।
क्रिस्टियन अमनपुर....
Abhigyan Ashish Mishra
Founder & Chairman